Let’s read sudha mahadev mandir Jammu, sudha manadev history in hindi,sudha mahadev distance,sudha mahadev Kaha Hai, shiv ji ka khandit trisul, khandit trishul puja,sudh mahadev trishul
दोस्तों, आज हम मंदिरों की सीरीज में हम लेकर आये ऐसे फिर से एक अनोखा मंदिर जिसकी अपनी अलग पहचान और विशेषता है। उम्मीद है आपको हमारे आर्टिकल्स पसंद आ रहे होंगे। हम बिलकुल इसी तरह कोशिश करते रहेंगे की आप तक सच्ची जानकारी पहुँचती रहें।
सुध महादेव मंदिर (sudha mahadev mandir Jammu)
आज के ब्लॉग के सहारे हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे मंदिर के बारे में जिसमे कभी माँ पार्वती पूजा करने के लिए आते थे। जी हाँ यह मंदिर इसलिए बहुत विशेष हैं और हम यह भी कह सकते है की महादेव के प्रति माता पार्वती के प्रेम का एक प्रतीक है। इस मंदिर का नाम है सुध महादेव मंदिर जो जम्मू से कुछ घंटो की दुरी पर में स्थित हैं।
सुध महादेव जम्मू से लगभग 120 कि. मी. की दुरी पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1225 मीटर हैं। पटनीटॉप के पास है सुध महादेव (शुद्ध महादेव) का मंदिर। यह मंदिर जम्मू और कश्मीर के प्रमुख शिवजी के मंदिरो में से एक है। इस मंदिर की बहुत सी विशेषताएं है लेकिन इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है की इस मंदिर में शिवजी का पर एक खंडित विशाल त्रिशूल के तीन टुकड़े जमीन में गड़े हुए है जो की किंदवती कथाओ के अनुसार स्वंय भगवान शंकर के है।
सुध मंदिर से कुछ ही दुरी पर माता पार्वती का जन्म स्थान भूमि मानतलाई है। शवलिंग के स्थापना का समय तो किसी को नहीं पता लेकिन इस मंदिर का निर्माण लगभग 2800 वर्ष पूर्व हुआ था और फिर इसका पुनर्निर्माण लगभग एक शताब्दी पूर्व एक स्थानीय नागरिक रामदास महाजन और उसके पुत्र द्वारा करवाया था। इस मंदिर में एक अति – प्राचीन शिवलिंग, नंदी और समस्त शिव परिवार की मुर्तियाँ है।
पौराणिक कथा श्री सुध महादेव की /Sudha Manadev History in Hindi
दोस्तों हम आपको पहले ही बता चुके है की यह मंदिर मानतलाई के पास ही है जो की माता पार्वती की जन्मभूमि है। हमारे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती जब शिव से विवाह का निश्चय कर चुकी थी अब से वे रोज मानतलाई से इस मंदिर में पूजा करने आया करती थी। इस तरह एक दिन जब माता पार्वती वहां शिव पूजन में लीन थी तभी सुधान्त नामक राक्षस, जो की खुद भी भगवान महाकाल भक्त था, वहां पूजन करने पहुंचा। जब सुधान्त ने देखा की पार्वतीजी पूजा अर्चना में लीन है तो वह उनके थोड़े पास जाकर खड़ा हो गया चूँकि उसकी मंशा सिर्फ पार्वतीजी से बात करने की थी इसलिए वह वही चुपचाप खड़ा हो गया । ध्यानमग्न पार्वतीजी जैसे ही अपनी आँखे खोली वो एकका एक उस राक्षस को अपने समीप खड़ा देखकर घबरा गई। घबराहट में वो जोर जोर से चिल्ला कर महादेव से मदद मांगने लगी। उनकी ये गुहार की आवाज़ कैलाश पर समाधि में लीन भगवान शिवशंकर तक पहुंच गई। महादेव ने पार्वतीजी की रक्षा के लिए राकक्ष को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेका ही कैलाश पर्वत से फेका। त्रिशूल सीधे आकर सुधांत राक्षस के छाती में आ लगा। वहां पहुंचने के बाद शिवजी सारी घटना हो बोध हुआ की उनसे तो अनजाने में बड़ी गलती हो गई। इसलिए शिवजी ने तुरंत ही सुधांत को पुनः जीवनदान देने की पेशकश की पर राक्षस सुधान्त यह जानता था की शिव के हाथ मृत्यु से उस मोक्ष मिल जायेगा इसलिए उसने तुरंत ही भगवान् से इसके लिए मना कर दिया की वो अपने आराध्य देव के हाथो से मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करना चाहता है। भगवान ने उसकी यह बात मानते हुए कहाँ की यह जगह आज से तुम्हारे नाम से जानी जाएगी और इसका नाम होगा सुध महादेव। साथ ही भगवान् ने उस त्रिशूल के तीन टुकड़े करके वहां गाड़ दिए जो की मान्यताओं के मुताबिक जो आज भी वही है। कई कथाओ के अनुसार ये भी [पता चलता है की सुधांत एक दुराचारी राक्षस था और यह कहा जाता है की वो उस मंदिर में पार्वतीजी पर कुदृष्टि रखने के कारण से आया था इसलिए भगवान महादेव शिवशंकर ने उसका वध कर दिया।) मंदिर परिसर में एक ऐसा स्थान भी है जिसके बारे में कहा जाता है की यहाँ सुधान्त दानव की अस्थियां रखी हुई है।
धर्म से जुडी अधिक कहानियाँ यहाँ पढ़े
मंदिर परिसर में ही एक स्थान पर सुधांत राक्षस की अस्थिया भी राखी हुयी है। जिसे देखने लोग कई दूर से आते है।
पाप नाशनी बाउली
मंदिर के बाहर ही एक बावड़ी है जिसका नाम है पाप नाशनी बाउली जिसमे पहाड़ो से 12 महीने और 24 घंटे पानी निरंतर आता ही रहता है। ऐसी मान्यता प्रचलित है की इसमें नहाने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाएंगे। ज्यादातर आने वाले भक्त इस बावड़ी स्नान करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करते है।
बाबा रूपनाथ की धूणी :
सुध महादेव मंदिर में नाथ सम्प्रदाय के संत बाबा श्री रूप नाथजी ने बहुत सदियों पहले समाधि ली थी उनकी धूणी आज भी यहां के परिसर में है, जो की अखंड ज्योत के रूप में जलती ही रहती है।
शिवजी का रहस्यमय मंदिर, जिसकी सीढ़ियों से आती हैं पानी की आवाज
दोस्तों, उम्मीद है आपको ब्लॉग की जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी, अगर आपको भी किसी मंदिर या धर्म से जुडी कथा के बारे जानना है तो हमें जरूर बताये हम आपको पूरी पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। आप हमसे कमेंट बॉक्स या Email :- “gyanaxizweb@gmail.com” के सहारे संपर्क कर सकते है।
Pingback: Kamleshwar Mahadev कमलेश्वर महादेव जहाँ लंकापति ने चढ़ाये अपने शीश. . . . - gyanaxis.com
Pingback: Shreenathji Temple राजस्थान श्रीनाथजी प्राकट्य दर्शन/आरती समय - gyanaxis.com
Pingback: Indore Famous Ganesh Temple बड़ा गणपति और खजराना गणेश मंदिर - gyanaxis.com
Pingback: Pitra Paksha / Shraddha Paksha श्राद्ध से क्या सच में पितृ सचमुच तृप्त होते हैं - gyanaxis.com
Pingback: Kaal Sarp Dosh 12 प्रकार के कालसर्प दोष और पाए इस नागपंचमी पर कालसर्प दोष से मुक्ति - gyanaxis.com
Pingback: Tirupati Balaji Mandir तिरुपति बालाजी का रहस्य और उनकी कहानी - gyanaxis.com
Pingback: Mysterious Things on Earth रहस्यमयी पुरातात्विक खोजे जिससे वैज्ञानिकों भी हैरान है.... - gyanaxis.com