Ishwara Mahadev एक रहस्यमयी मंदिर जहाँ अदृश्य शक्ति करती है पूजा

By | 16 June 2023
Ishwara Mahadev Temple History

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दोस्तों, हम उम्मीद करते है की हमारा पिछला ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। हम कोशिश करते रहेंगे की gyanaxis.com के द्वारा आपको धर्म से जुडी सच्ची कहानी और धर्म से जुडे स्थान के बारे में जानकारी मिलती रहे। 

मंदिरों के इस सीरीज में आज आपके लिए एक और चमत्कारी मंदिर के बारे में जानकारी हाज़िर हैं। जिसके बारे आप पढ़ कर थोड़े चकित तो जरूर होंगे। 

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ईश्वरा महादेव मंदिर

आपने कई ऐसे मंदिरो के बारे में सुना होगा जिसमे रात में कोई अदृश्य शक्ति पूजा करती है लेकिन ना कोई आज उन्हें देख पाया और नहीं महसूस कर पाया लेकिन आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे बता रहे है जिसमे कई लोगो ने उस शक्ति को महसूस किया है।  ऐसा ही एक मंदिर मध्यप्रदेश में भी है। जी हाँ यह मंदिर मुरैना की एक तहसील कैलारस से 25 कि.मी. दूर पहाड़गढ़ के घने जंगल में स्थित है। जिसका नाम है ईश्वरा महादेव मंदिर, जहा पर अदृश्य शक्ति द्वारा भगवान शिव की पूजा की जाती है। पहाड़गढ़ के इस चम्बल और घने  जंगल में बसे ईश्वरा महादेव मंदिर के प्राचीन शिवलिंग का एक अपना एक अति-विशेष महत्व है। 

इस मंदिर से जुडी एक मान्यता प्रचलित है की इस घने जंगल की कंदरा के में स्थित शिवलिंग की पूजा ब्रम्हा मुहूर्त में कोई अदृश्य शक्ति करती हैं। जब सुबह – सुबह पुजारी इस मंदिर के पट खोलते है तो उन्हें शिवलिंग पर कई तरह के बेलपत्र (21 मुखी, 11 मुखी और 7 मुखी), फूलों, चावल से अभिषेक के निशान मिलते है। इसमें एक अद्भुत बात यह भी है की इस शिवलिंग पर सालभर यानी पुरे 365 दिन प्राकृतिक रूप से जल की बुँदे टपकती रहती हैं। 

Ishwara Mahadev : – प्रकृति की सुन्दर दृश्यों के बीच बसे ईश्वरा महादेव मंदिर का रहस्य आज तक इतने वर्षो बाद भी कोई नहीं जान पाया और नहीं सुलझ पाया।  कई लोगो ने इसे जानने का प्रयास किया लेकिन आज तक सारे लोग इस रहस्य को जानने में विफल ही रहे।  एक पहाड़ की गुफा में बने इस शिवलिंग पर झरने से बह रहे प्राकृतिक धारा से इस शिवलिंग का जलाभिषेक निरंतर ही होते रहता हैं। 

पहाड़गढ़ के घने जंगल में बसे इस मंदिर की छटा तो बारिश के दिनों में देखते ही बनती है और तो और अब लोग इस जगह को पिकनिक स्पॉट मानकर आने लगे है। यहाँ के कुछ बुजुर्ग और ग्रामीणों द्वारा बताया गया है की इस शिवलिंग की स्थापना किसी सिद्ध बाबा ने तपस्या के बल पर की है और तभी से ये झरना निरंतर हर मौसम में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहा है। बताया जाता है की गर्भगृह में रहस्य जानने के लिए एक व्यक्ति ने शिवलिंग पर ब्रम्ह मुहूर्त में जाकर हाथ रख दिया। जिससे अदृश्य शक्ति को महसूस कर सके लेकिन कुछ ही देर में अचानक तेज आंधी के साथ बारिश होने लगी जैसे ही दर कर उसने हाथ हटाया कुछ ही क्षण में शक्ति पूजा कर गयी लेकिन जिस व्यक्ति ने शिवलिंग पर हाथ रखा था वो कोढ़ी हो गया। 

कई बार तो कुछ महात्माजन और साधू संतो ने भी इस रहस्य जानने की कोशिश की और रातभर उस गुफा रूपी मंदिर में बैठे रहें लेकिन पूजा का समय होते ही उन्हें न जाने कैसे नींद आ गयी और पल भर में अदृश्य शक्ति पूजा कर गई और जब संतो की आँखें खुली तो वह पूजा होने के निशान देखकर आश्चर्य चकित रह गए। 

दोस्तों, कुछ जानकारों से इस शिवलिंग के स्थापना की एक और कहानी का पता चला है जो थोड़ी काम या यूँ कहे की विश्वासपात्र नहीं लगती। इसे पढ़ने के बाद आप ही अंदाजा लगा सकते है की यह सही लगती है या नहीं।  कुछ लोग ये भी मानते है की इस शिवलिंग की स्थापना रावण के भाई विभीषण ने की है जो हमारे धार्मिक मान्यता के हिसाब से चिरंजीवी है।  उनके द्वारा स्थापना होने के कारण ही वे यहां हर रोज पूजा करने आते हैं। 

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एक राजा ने सैनिकों का पहरा लगाया 

एक समय की बात है ईश्वरा महादेव मंदिर के शिवलिंग पर गुप्त रूप से पूजा अर्चना की बात को सुनकर पहाड़गढ़ रियासत के राजा श्री पंचम सिंह के मन रहस्य जाने ने की इच्छा हुई। राजा ने अपने खुद सहित अपने सारे सैनिक और अधिकारी पहरे में लगा दिए जो पूरी तरह से मंदिर को घेर कर खड़े थे। पूजा के समय होते होते राजा सहित सभी पहरेदार अचेतन अवस्था में चले गए लेकिन जब कुछ देर बार उनकी आँखें खुली तो पूजा हो चुकी थी। 

कुछ लोग ये भी बताते है की पहाड़गढ़ के इस ईश्वरा मंदिर के आसपास अद्भुत तरह के बेलपत्र के पेड़ दिखाई देते है। आमतौर पर बेल पत्र 3 पत्तियों के होते है लेकिन इन पेड़ो पर 5 से लेकर 7 पत्तियों के समुह वाले बेलपत्र होते है और कई बार तो पुजारी को 21 पत्तियो के समूह वाले बेलपत्र भी मिलते है जो अपने आप में विशेष महत्व को दर्शाते हैं। 

दोस्तों, उम्मीद है आपको ब्लॉग की जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी, अगर आपको भी किसी मंदिर या धर्म से जुडी कथा के बारे जानना है तो हमें जरूर बताये हम आपको पूरी पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। आप हमसे कमेंट बॉक्स या Email :- “gyanaxizweb@gmail.com” के सहारे संपर्क कर सकते है।