जटोली शिव मंदिर :- भारत ही नहीं एशिया का सबसे ऊँचा मंदिर . . .

By | 16 June 2023
Jatoli Shiv Mandir History

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दोस्तों नमस्कार, जैसा की हमने आपको बताया था की सावन के माह में आपको कई चमत्कारी मंदिरो के बारे में हम बताएँगे। जिसे जानने के बाद शायद आप भी ऐसे ही हैरान होंगे जैसे हम थे। तो चलिए हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जो एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर हैं (World Tallest Shiv Mandir) साथ ही इसका एक रोचक तथ्य है की यहाँ के पत्थर थपथपाने से डमरू से आवाज़ करते हैं।  

सोलन जटोली महादेव मंदिर / Jatoli Shiv Mandir Solan

वादियों के प्रदेश, हिमाचल प्रदेश जो अपनी अद्भुत सौंदर्य के वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है। उसी सुन्दर से प्रदेश में एक शहर है सोलन जहा ये मंदिर है। इस मंदिर के बारे में लोगो द्वारा दावा किया जाता है कि, यह भारत ही नहीं अपितु एशिया में सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। इस मंदिर को जटोली शिव मंदिर(Jatoli Shiv Mandir) के नाम से ही जाना जाता है। इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 111  फुट है  मंदिर में अभी कुछ वर्ष पूर्व ही में 11 फुट लंबा सोने का कलश चढ़ाया गया है।जिससे इसकी कुछ लम्बाई अब 122 फुट हो गयी है, इसका निर्माण दक्षिण-द्रविड़ शैली में किया गया है। अतभुत कला का यह एक बिलकुल बेजोड़ निर्माण है जिसे देखकर आप कई दफा सोच में पड़ जाएंगे। 

दोस्तो, ऐसा कहा जाता है की पौराणिक काल में भगवान शिव शंकर  यहां आए थे और कुछ समय के लिए यहाँ विराजमान रहे थे। इसके कई वर्षो बाद में वर्ष 1950 में बाबा “स्वामी कृष्णानंद परमहंस” यहां आकर बस गए। जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य स्वामी कृष्णानंद परमहंस के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश में शुरू हुआ। साल 1974 में स्वामीजी द्वारा ही इस मंदिर की नींव रखी गई थी। हालांकि लगभग 1983 के आसपास में वे समाधि में लीन हो गए, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य बिना रुके चालु रहा और इसका कार्य मंदिर की ही प्रबंधन कमेटी के देख रेख में बढ़ते गया। मंदिर के पास एक कोने में  में स्वामीजी की गुफा भी है। मंदिर के बारे में एक खास बात यह भी है कि इसकी लगत समय के साथ बढ़ती गयी और करोडों रुपये की लागत से बने इस मंदिर का निर्माण जनता द्वारा दिए गए चंदे के पैसों से हुआ है। यहीं एक वजह है कि मंदिर का निर्माण पूरा होते होते ही तीन दशक से भी अधिक का समय लग गया। 

Pashupatinath Vrat Vidhi

कई दशकों बाद भी मौजूद है एक चमत्कारी पानी का कुंड . . .

यहाँ के स्थानीय लोग इस कुंड के बारे में बताते है कि कई दशक पहले तक सोलन के लोगों को पानी की समस्या से बहुत जुझना पड़ा था. इसी वजह को देखते हुए “स्वामी कृष्णानंद परमहंस के मन में भगवान शिव की घोर तपस्या का विचार आया और कई दिनों की तपस्या के बाद उन्होंने के जमीन पर जोड़े से त्रिशूल का प्रहार किया। उस प्रहार की वजह से जमीन के पानी निकलने लगा। तब से लोगो का कहना है की उस के बाद से लेकर आज तक जटोली भूमि में पानी की समस्या फिर नहीं आई। कई भक्त और श्रद्धालु इस पानी को चमत्कारी मानते हैं और ऐसी मान्यता बन गयी है कि इस जल में कई तरह के औषधीय गुण है जो किसी भी तरह के बीमार व्यक्त्वि को ठीक कर सकती हैं।  

मंदिर के पुराने जानकार और पुजारी श्री भूपेन्द्र दत्त शास्त्री जी ने बताया की मंदिर में जो शिवलिंग मौजुद है वह स्फटिक से बना हुआ शिवलिंग है, यह मंदिर हमारे देश में मौजूद कई मंदिरो से अलग है, क्यों की इस समय देश में बहुत ही कम मंदिर ऐसे है जिसमे स्फटिक से निर्मित शिवलिंग मौजूद है, जो कि इस दुनिया के कुछ ही मंदिरों में हो सकता है। जानकारों के अनुसार शिवपुराण में पारद को भगवान शिव का वीर्य कहा गया है। इसीलिए पारद का शिव से अटूट और साक्षात संबंध है और किसी भी मंदिर में पारद से बने शिवलिंग का होना ही उस मंदिर की मान्यता को बढ़ा देता है।  

मंदिर प्रशासन द्वारा हर रविवार को भंडारे आयोजन का किया जाता है . . .

चूँकि हिमाचल प्रदेश पर्यटन के हिसाब से हमारे देश में एक समृद्ध जगह है और जटोली शिव मंदिर के भी चमत्कार को देखते हुए श्रद्धालु की संख्या दिन – प्रतिदिन बढ़ रही है। और मंदिर भी दिन – प्रतिदिन अग्रसर होते जा रहा है। हर साल लाखों की संख्या में सैलानी यहाँ दर्शन करने के लिए देश और विदेश से मंदिर का रुख करते हैं।  भक्तो की मनोकामनएं पूर्ण होने पर कई भक्त मंदिर में भंडारे का आयोजन अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार करवाते है।  मंदिर में लोगो की आस्था और व्यवस्था को देखते हुए मंदिर प्रशासन हर रविवार को भंडारे का आयोजन करवाता है। जो पुरे साल हर रविवार चलता है। कोविड की समस्या को देखते हुए अभी मंदिर कई दिनों से बंद है तथा दर्शनार्थियों को आने की अनुमति नहीं हैं। 

शिवजी का रहस्यमय मंदिर, जिसकी सीढ़ियों से आती हैं पानी की आवाज

कैसे पहुंचे जटोली शिव मंदिर . . .

How to Reach Jatoli Shiv Temple

दिल्ली से सोलन तक आप NH44 से 6 घंटे का सफर कर पहुंच सकते है फिर सोलन से राजगढ़ रोड होते हुए जटोली शिव मंदिर, लगभग 100 सीढिया चढ़ने के बाद आपको भगवान् के दर्शन होंगे। आसपास घुमने के लिहाज से आपको ऑटो या प्राइवेट गाड़िया मिल सकती है। 

दोस्तों, उम्मीद है आपको ब्लॉग की जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी, अगर आपको भी किसी मंदिर या धर्म से जुडी कथा के बारे जानना है तो हमें जरूर बताये हम आपको पूरी पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। आप हमसे कमेंट बॉक्स या Email :- “gyanaxizweb@gmail.com” के सहारे संपर्क कर सकते है।

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