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Guru Purnima Kab Ki Hain
गुरु पूर्णिमा पर कब और कैसे करे पूजा।
दोस्तों, गुरु पूर्णिमा यह नाम और तिथि हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। क्या आप जानते है गुरु पूर्णिमा की तिथि क्या है होती है? गुरु पूर्णिमा किस लिए मनाई जाती है और कैसे मनाई जाती है। आइये ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताते है।
Guru Purnima 2024 गुरु पूर्णिमा कब है? / गुरु पूर्णिमा कब आ रही है
21 जुलाई रविवार को देशभर के कई भागो में गुरु पूर्णिमा को मनाया जा रहा है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 20 जुलाई की शाम 5 बजकर 59 मिनट पर होगी. 21 जुलाई रविवार को 03 बजकर 46 मिनट पर आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की समाप्ति होगी।आषाढ़ माह की इस पूर्णिमा को लोग व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के नाम से जानते है। गुरु पूर्णिमा हमारे देश का एक ऐसा पर्व है जो विश्वभर में हमारे देश में मानी गयी गुरु परंपरा और गुरु को देवताओं के सामान और हम ऐसे कह सकते है की देवताओं से भी श्रेष्ठ स्थान देने और उनके आशीर्वाद के महत्व को दर्शाता है।
गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है / गुरु पूर्णिमा का पर्व कब मनाया जाता है / गुरु पूर्णिमा किस तिथि को मनाई जाती है / गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है
आषाढ़ की पूर्णिमा की तिथि पर हर साल गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। ग्रंथो के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को महाभारत सही कई ग्रंथो के रचयिता श्री कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था, और महर्षि श्री वेदव्यास ही चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता थे। यह भी एक सत्य है की महर्षि श्री वेदव्यास जी ने ही पहली बार चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए उन्हें गुरु की उपाधि दी गई। इसलिए ही इनके जनम तिथि के दिन को ही गुरु पूर्णिमा अथवा व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
गुरु पूर्णिमा के आरंभ की तिथि : 20 जुलाई 2024, शनिवार की 5 :59 PM
पूर्णिमा के समाप्ती की तिथि : 21 जुलाई 2024, रविवार की 03 :46 PM
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गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए / गुरु पूर्णिमा का पूजन कैसे करना चाहिए
सबसे पहले गुरु पूर्णिमा का पूजन इस श्लोक से करना चाहिए।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
गुरु पूर्णिमा के दिन हम सभी लोग अपने – अपने गुरु और हमारे मेंटर के प्रति आभार प्रकट करते हैं और उन्हें उपहार देकर उनका आशीर्वाद लेते है। गुरु पूर्णिमा के दिन हम अपने गुरु का आशीर्वाद लेना बहुत ही शुभ माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के पूजन की विधि।
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म से मुक्त होकर ध्यान करने के बाद भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें। इसके बाद भगवान कृष्ण द्वैपायन महर्षि वेद व्यासजी महाराज की पूजा करें। महर्षि व्यासजी ऋषि के नाम से ही गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है इसलिए इसदिन दुनिया के पहले गुरु जो 18 पुराणों और महाभारत महाकाव्य के रचयिता है इनके ही पूजन का विधान बताया गया है।
गुरु पूर्णिमा पूजन करने की विधि
– गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले ब्रम्ह महूर्त में उठकर स्नान कर लें
– इसके बाद अपने गुरूजी की पूजा की तैयारी करें
– अपने गुरू को फूल-माला, तांबूल, श्रीफल, रोली-मोली, जनेउ, तथा अपने सामर्थ के अनुसार दक्षिणा के साथ पंचवस्त्र चढ़ाएं
– ततपश्यात बाद अपने गुरु के चरणों को धोकर उसकी पूजा करें
– उनका आशीर्वाद ले
GyanAxis.com:- गुरु पूर्णिमा की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें। उम्मीद करते हैं हमारा आर्टिकल से आपको गुरु पूर्णिमा 2023 की सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी।
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