Shri Krishna Janmashtami 2025 Date , Muhurat : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन जयंती योग बन रहा हैं जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर बना था इसीलिए इस साल जन्माष्टमी का महत्त्व और बढ़ गया हैं। भक्तों को इस दिन लड्डू गोपाल की सेवा करने पर विशेष आशीर्वाद मिलेगा।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन (Festival Of Shree Krishna Janmastami) हिन्दू धर्म कैलेंडर के हिसाब से हर साल भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता हैं
अंग्रेजी कैलेंडर के में इस बार 15 अगस्त 2025 शुक्रवार को भगवान श्री कृष्ण का 5252 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी तिथि (Krishna Janmashtami Tithi) दो दिन हैं जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 से शुरू हो कर 17 अगस्त 2025 को समाप्त होगी।
भगवान श्री कृष्ण के जन्म की तिथि (Krishna Janmashtami Tithi )
भगवान विष्णु ने 8वें अवतार श्री कृष्ण के रूप में 8वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के समय के 28वें द्वापर युग में जो भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के 7 मुहूर्त पूर्ण होने के बाद 8वां मुहूर्त जब उपस्थित हुआ तब आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में जन्म लिया। भगवान के जन्म के समय लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की ही दृष्टि थी। तब अष्टमी तिथि तथा रोहिणी नक्षत्र के संयोग से जयंती नामक योग उत्पन्न हुआ उसमे लगभग 3112 ईसा पूर्व को उनका जन्म हुआ था। ज्योतिषियों और गणना के अनुसार रात 12 बजे के समय शून्य काल था।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के होने के समय हुआ था। इस योग को जयंती योग कहते हैं। इस साल फिर से रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि में 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से रात के 3 बजकर 38 मिनट तक है। जिससे कहा जा सकता हैं की इस साल जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) पर भी जयंती योग बन रहा हैं।
Shri krishna janmashtami 2025 Important Information
1. | Article Category | Indian Festival |
2. | त्यौहार का नाम | जन्माष्टमी 2025 |
3. | Krishna janmashtami 2025 Date | 16 August 2025 |
4. | Krishna janmashtami Puja Muhurat (जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त ) | 12:04 AM से 12:47 AM, अगस्त 16 |
5. | तिथी | श्रावण मास की पुर्णिमा के बाद आठवे दिन |
Krishna Janmashtami : कृष्णा जन्माष्टमी क्या महत्त्व हैं ?
कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्त्व होता हैं इसी दिन भगवान विष्णु के 8वे अवतार श्री कृष्णा के जन्म का दिन ही कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। दिन रात को 12 बजे लड्डू गोपाल का श्रृंगार और 56 भोग लगा कर श्री कृष्ण का जन्म दिन मनाया जाता हैं। कहते हैं श्री कृष्ण से इस दिन कुछ मांगा जाए तो अवश्य मिलता हैं।
इस बार तो विशेष जयंती योग बन रहा हैं जिससे भक्तों के जीवन में आयी सभी परेशानियों को भगवान विष्णु समाप्त करेंगे। जन्माष्टमी के दिन व्रत,पूजा व अर्चना, भजन कीर्तन किया जाता हैं। जिससे भगवान विष्णु आपके घर में सुख शांति व संतान सुख प्रदान करते हैं।
Krishna Janmashtami Muhurat 2025 कृष्ण जन्माष्टमी का मुहूर्त
इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभ आरम्भ 16 अगस्त 2025 को होगा । अष्टमी तिथि 15 अगस्त 2025 को रात 11:49 बजे से शुरू होगी और 16 अगस्त 2025 को शाम 9 :34 बजे समाप्त होगी
रोहिणी नक्षत्र का आरम्भ 17 अगस्त 2025 सुबह 4 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 18 अगस्त 2025 सुबह 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा मध्य रात्रि की जाती है, इसलिए इस साल भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 16 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
Krishna Janmashtami 2025 Ka Vrat श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात में हुआ था और व्रत के लिए उदया तिथि (उदया तिथि का मतलब है, जो तिथि सूर्योदय के साथ शुरू हो) मान्य है, इसी अनुसार इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व 16 अगस्त 2025 को रहेगा और सभी दिनभर व्रत रख सकते हैं।
जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग विशेषतः दिनभर व्रत रखते हैं और रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद प्रसाद ग्रहण कर लेते हैं और उसके बाद अन्न ग्रहण कर व्रत का पारण कर देते हैं। हालांकि कई स्थानों और ज्यादातर लोग अगले दिन सुबह पारण करते है।
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निमाड़ में क्या जन्माष्टमी के दिन राखी बांधी जाती हैं ?
निमाड़ खरगोन, खड़वा व बड़वानी जिले में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बहने अपने भाई को राखी बांधी जाती हैं। यहाँ रक्षा बंधन के दिन भाई को राखी नहीं बांधी जाती हैं।
निमाड़ में रक्षा बंधन यानि सावन की पूर्णिमा से लेकर एकादशी तक राखी मनाई जाती हैं। लोगो के यहाँ रक्षा बंधन के दिन किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं इसी स्थिती में राखी दूसरे दिन मनाई जाती हैं।
FAQ OF Krishna Janmashtami : कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े सवाल जिनके जवाब जानना जरुरी हैं
कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) से जुड़े सवाल जिनके जवाब जानना जरुरी हैं आप भी जानकारी ग्रहण करें।
कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है?
भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?
जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रखते हैं, राम कृष्ण के मंदिरों में जाते हैं, लड्डू गोपाल का घर में श्रृंगार, भजन-कीर्तन व 56 भोग लगते हैं, कृष्ण की मूर्ति या लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं, और विशेष भोजन तैयार करते हैं। मध्यरात्रि को, कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया जाता है।
Krishna Janmashtami: कृष्ण जन्माष्टमी के मुख्य अनुष्ठान क्या होता हैं?
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मुख्य अनुष्ठान के रूप में कुछ कर्म किये जाते हैं जैसे
व्रत : भक्त पूरे मन से पूरा दिन या रात 12 बजे तक उपवास करते हैं। उपवास का समापन रात्रि श्री कृष्ण जन्म उत्सव का प्रसाद ले कर किया जाता हैं।
लड्डू गोपाल व कृष्ण मूर्ति पूजा: भक्त मंदिर में श्री कृष्ण की मूर्तियों की पूजा करते हैं, या घर में लड्डू गोपाल को फूल, मिठाई और प्रसाद चढ़ाते हैं।
जन्मोत्सव: मध्यरात्रि यानि 12 बजे, कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया जाता है, जिसमें भजन, कीर्तन, और नाटक किये जाते हैं व दही हंडी का आयोजन किया जाता हैं।
भोग: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विशेष भोग लगाया जाता हैं जैसे कि माखन-मिश्री, दही-हंडी, और अन्य मिठाईयाँ तैयार की जाती हैं और भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती हैं।
जन्माष्टमी के दौरान क्या खाया जाता है?
जन्माष्टमी के दिन व्रत में साबूदाना खिचड़ी व उपवास का भोजन किया जाता है जो लोग उपवास नहीं करते वे सात्विक भोजन करते हैं।
जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
जन्माष्टमी के दिन शराब पीना, मांस खाना, और अन्य अशुद्ध कार्य नहीं करना चाहिए। व्रत रखने वाले लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की किसी भी अशुद्ध वस्तु का सेवन ना करें।
जन्माष्टमी के लिए पहले क्या क्या तैयारियां करना चाहिए ?
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूर्व तैयारी के रूप में प्रमुख तैयारी करना चाहिए जैसे
सजावट: घरों और मंदिरों को फूलों, झालर व रंगोली से साजाना चाहिए।
व्रत की तैयारी: व्रत रखने वाले लोग फल, दूध, और सात्विक भोजन की व्यवस्था कर लेना चाहिए।
पूजा सामग्री: फूल, दीपक, धूप, नैवेद्य, और अन्य पूजा सामग्री की व्यवस्था पहले ही कर लेना है।
जन्माष्टमी उत्सव के बाद क्या क्या करना चाहिए ?
कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव मनाने के बाद ये करें।
पारण: व्रत रखने वाले लोग प्रसाद ग्रहण कर ऊपर दिए गए समय पर खोले, जिसमें फल, दूध, और सात्विक भोजन का सेवन शामिल होता है।
दाना-पानी: व्रत खोलने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है। जिससे पुण्य व भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता हैं
आभार प्रकटन: भगवान कृष्ण के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है और मनोकामना भगवान श्री कृष्ण के आगे रखी जाती हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी को किन विभिन्न रूपों में जाना जाता हैं ?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को विभिन्न रूपों में मनाया जाता हैं जैसे
राधाष्टमी: राधा रानी के जन्म का उत्सव, जो कृष्ण के प्रेम की साक्षी हैं।
गोकुल अष्टमी: बाल गोपाल के रूप में कृष्ण की पूजा की जाती है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन क्या-क्या करते हैं ?
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण की पूजन, डेकोरेशन व्रत, रात्रि भजन व अर्चना की जाती हैं। निमाड़ में इसी दिन राखी भी बाँधी जाती हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को क्या भोग लगाया जाता हैं ?
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री, दही-हंडी, और पिंजरी का भोग लगाया जाता हैं।
GyanAxis.com :- उम्मीद करते हैंज़ की आपको जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) से जुडी हर जानकारी मिल गयी होगी। और भी कोई जानकारी लेना चाहते है तो कमेंट सेक्शन में बताये।
धन्यावाद।
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