Let’s Know Titlagarh Mahadev mandir, Titlagarh Mahadev Mandir history in hindi, Titlagarh Mahadev distance, Titlagarh Mahadev Mandir Kaha Hai, How to reach Titlagarh Mahadev Temple
दोस्तों, उम्मीद है आपको हमारे पुराने ब्लॉग से जानकारी जरुर मिली होगी। हम आपके लिए ऐसे ही ब्लॉग लाने की कोशिश करते रहेंगे।
मन्दिरो के इस सीरीज में आज आपके लिए एक और चमत्कारी मंदिर के बारे में जानकारी हाज़िर है जिसके बारे में आप भी पढ़ कर थोड़े आश्चर्यचकित जरूर होंगे जैसे हम होते है।
टिटलागढ़ का मंदिर / कुम्हड़ा पहाड़ का मंदिर
भारत का पूर्वी राज्य ओडिशा जिसका सबसे गर्म इलाका जिसका नाम है टिटलागढ़( Titlagarh Mahadev Mandir Kaha Hai) . इसमें भी एक जगह है कुम्हड़ा पहाड़ वो तो ख़ास तौर कुछ ज्यादा ही गर्म रहता है. क्योंकि यहां सुबह से लेकर शाम तक सीधी तेज धूप पड़ती है और इलाका भी पथरीली चट्टानों से भरा हैं। अब जब चट्टानें गर्म होती है तो जाहीर है इनकी वजह से यहां पर गर्मी का एहसास भी कुछ ज्यादा ही होता है. लेकिन इसी भीषण गर्मी में भी जब आप यहां स्थित शिव – पार्वती के मंदिर में अंदर जाते है तो आपको भगवान् के चमत्कार का अहसास सीधे तौर पर हो ही जायेगा जो एक अद्भुत एहसास होगा।
Titlagarh Mahadev Mandir history in hindi
टिटलागढ़ के पास ही कुम्हड़ा पहाड़ पर स्थित है भगवान शिव और माता पार्वती का रहस्यमयी प्राचीन मंदिर। जो अपनी रहस्यमयी ऊर्जा, ईश्वरी अहसास और चेतना के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर एक ऐसा विशिष्ट मंदिर है जो इस आधुनिक युग के विज्ञान के लिए भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है। यह एक ऐसा मंदिर है जहां अंदर जाते ही गर्मी में भी सर्दी का अहसास होता है. मंदिर के बाहर एक बड़ा सा पथरीला पहाड़ है, जो लगातार गर्मी पड़ती रही गर्मी से तपता रहता है। लेकिन शिव मंदिर के अंदर का तापमान ठंडा और सुखद बना रहता है।
दोस्तों अब तो देशभर में कई मंदिर ऐसे हो गए है जिसका तापमान स्थिर रखने के लिए कूलर और एयर कंडीशनर लगे हुए है लेकिन इस मंदिर में ना जो AC है और ना ही कूलर फिर भी इस प्रसिध्द मंदिर का तापमान हमेशा कम ही बना रहता है और तो और इसकी ख़ास बात इसे और भी रहस्यमयी बनाती है वो यह है की जैसे जैसे बाहरी टेम्प्रेचर बढ़ता है, वैसे वैसे इस मंदिर के अंदर का टेम्प्रेचर लगातार कम होता चला जाता है।
भारत में मई और जून के महीने में पड़ने वाली गर्मी से तो हम सभी परिचित है। इसी तरह इस इलाके में भी जब बाहर का टेम्प्रेचर कई बार 55 डिग्री तक पहुंच जाता है लेकिन इस परिस्थिति में भी टिटलागढ़ के इस अद्भुत शिव मंदिर के अंदर ठंड भी बढ़ जाती है और यही नहीं गर्मी तपतपाते के मौसम में कई बार ऐसी नौबत आ जाती है की वह बैठे पुजारी और भक्तो को हल्का वाला कंबल ओढ़ना पड़ता है।
अब दोस्तों इसे तो हम चमत्कार ही कहेंगे की मंदिर के अंदर और बाहर कुछ कदमों की दूरी है लेकिन इतने में भी अगर माहौल पूरी तरह बदल जाए। इस चमत्कारी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु सारे रास्ते भीषण गर्मी से हैरान परेशान होते रहते हैं, लेकिन जैसे श्रद्धालु भगवान् के इस मंदिर के अंदर कदम रखते है वैसे ही थोड़ी ठंडक से राहत पाते है और कुछ देर ठहरने के बाद ठंड के मारे कांपने लगते हैं। लेकिन ठंड का यह अहसास तब तक ही रहता है जब तक श्रद्धालु मंदिर के अंदर रहे जैसे ही वह बाहर आता है उसे बाहर की वैसी ही चिलचिलाती गर्मी अहसास हो जाता है।
इस मंदिर में उपस्थित कुछ जानकारो और श्रद्धालुओ से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका का मानना है कि इस मंदिर में ठंड का स्रोत भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा ही है। जो स्वयं कैलाश में निवास करते है और अपने भक्तो को बाहर की भीषण गर्मी से राहत देने के लिए अपने विग्रह से ही कैलाश सी ठंडी हवा का वातावरण निर्मित करते है जो कि मंदिर में आने वाले भक्त को कैलाश से ठण्ड की अनुभूति कराते है।
अब अपने इस आश्चर्य की वजह से यह मंदिर बेहद चमत्कारी माना जाता है। जहां पर भक्त अपने भगवान के दर्शन के लिए दूर दूर आते हैं। इस मंदिर में श्रावण माह और वर्ष की विशेष तिथियों पर विशेष पूजा की जाती है किन्तु महादेव मंदिर होने के कारण यहाँ इस ठण्ड में भी जलाभिषेक किया जाने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
शिवजी का रहस्यमय मंदिर, जिसकी सीढ़ियों से आती हैं पानी की आवाज
कैसे पहुंचे टिटलागढ़
How to reach Titlagarh Mahadev?
टीटलागढ़ जंक्शन देश के लगभग सभी बड़ी सिटी से जुड़ा है। जिससे यहाँ पहुंचना बहुत आसान हो जाता है। और ये NH 59 के करीब है। आपको रेलवे जंक्शन से कई साधन जैसे ऑटो या प्राइवेट गाड़िया मंदिर तक जाने के लिए आसानी से मिल जाएंगी।
दोस्तों, उम्मीद है आपको ब्लॉग की जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी, अगर आपको भी किसी मंदिर या धर्म से जुडी कथा के बारे जानना है तो हमें जरूर बताये हम आपको पूरी पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। आप हमसे कमेंट बॉक्स या Email :- “gyanaxizweb@gmail.com” के सहारे संपर्क कर सकते है।
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