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कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) :- जातक की जन्म में कालसर्प दोष नामक दुर्भाग्यपूर्ण ज्योतिषीय स्थिति है | इसका मतलब यह है की दुर्भाग्यपूर्ण से जातक को खुद जीवन में सिर्फ इस एक दशा के होने से ही कई ऐसे दुःखो और कष्टों का सामना करना पड़ता है जिससे वह खुद ही खुद को दुर्भाग्यशाली समझने लगता है | यह एक ऐसे प्रकार की ज्योतिषीय स्थिति होती है जिसमे में जातक की कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में फंस कर एक ऐसी परिस्थिति बनाते है, जिससे जातक कितने भी अथक प्रयास कर ले वह सारे व्यर्थ ही हो जाते है और ये प्रयास उन्हें कभी भी जीवन में सफलता प्रदान नहीं करा पाते |
Types of Kaal Sarp Dosh कालसर्प दोष कितने प्रकार के होते हैं
दोस्तों, बहुत ही काम लोग जानते होंगे की कालसर्प दोष भी कई तरह के होते है अक्सर लोग काल सर्पदोष सुन के बारे में पता कर लेते है और अमूमन ही उपाय शुरू कर देते है लेकिन कालसर्प दोष के प्रकार पर ध्यान नहीं देते और जिससे उन्हें कालसर्प दोष से मुक्ति नहीं मिलती इसलिए बस उपायों पर उपाय करते रहते है। हमारे धर्मज्योतिषियो के अनुसार, 12 प्रकार के कालसर्प दोष मुख्य रूप से होते है, कालसर्प दोष का निर्धारण सिर्फ जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। 12 प्रकार के कालसर्प दोष में हर कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाय ज्योतिष द्वारा बताये जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कोई कालसर्प हैं? और अगर है तो किस प्रकार का कालसर्प दोष हैं? अगर हाँ तो उसके अनुसार आप इस विशष तिथि नाग पंचमी के दिन कुछ कारगर उपाय कर सकते हैं। कालसर्प दोष के प्रकार और उनके उपाय हम आपको नीचे बता रहे है –
Kaal Sharp Dosh Nagpanchami Upay
1. अनंत कालसर्प दोष – अनंत कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति को हर वर्ष नागपंचमी पर एकमुखी रुद्राक्ष, आठमुखी रुद्राक्ष या नौ मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए। और यदि अनंत कालसर्प दोष के कारण किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, तो उसे नागपंचमी के दिन पर रांगे (TIN) से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।
2. कुलिक कालसर्प दोष – कुलिक नामक कालसर्प दोष अगर किसी व्यक्ति को होता है तो वह व्यक्ति दो रंग वाला ब्लैंकेट या किसी भी तरह का गर्म वस्त्र दान कर दे। – व्यक्ति को चांदी की एक ठोस गोली बनवाकर उसका पूजन करना चाहिए और बाद में उसे अपने रख लेना चाहिए ।
3. वासुकि कालसर्प दोष – वासुकि कालसर्प दोष अगर किसी व्यक्ति को हो तो उस व्यक्ति को रात में सोते समय सिरहाने पर थोडे से बाजरा रखना चाहिए और सुबह जल्दी उठाकर उसे पक्षियों को खिला देंना चाहिए। और नागपंचमी उस व्यक्ति को लाल धागे में तीन मुखी, आठ मुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
4. शंखपाल कालसर्प दोष – शंखपाल कालसर्प दोष अगर किसी व्यक्ति को होता है तो उसके निवारण के लिए वह व्यक्ति 400 ग्राम के साबूत बादाम किसी नदी के बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। और नागपंचमी पर शिवलिंग का शुद्ध दूध से अभिषेक करें।
5. पद्म कालसर्प दोष – पद्म कालसर्प दोष अगर किसी व्यक्ति को होता है तो उसे नागपंचमी से प्रारंभ करते हुए लगातार 40 दिनों तक ब्रम्हा महूर्त में रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करना चाहिए। और उसे किसी जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करना चाहिए तथा घर में एक तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।
6. महापद्म कालसर्प दोष – महापद्म कालसर्प दोष अगर किसी व्यक्ति को होता है तो वह हनुमानजी मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ कर नागपंचमी पर गरीब, असहायों लोगो को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा देंदे जिसे जल्दी कालसर्प दोष का अंत होगा।
7. तक्षक कालसर्प दोष – तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए व्यक्ति को 11 ज्यादा पानी वाले नारियल बहते हुए किसी नदी के बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए और सफेद कपड़े और चावल का दान करें।
8. कर्कोटक कालसर्प दोष – कर्कोटक कालसर्प होने पर व्यक्ति को बटुकभैरव के मंदिर में जाकर भगवान को दही-गुड़ का भोग लगाना चाहिए और पूजन करना चाहिए और नागपंचमी पर शीशे के आठ टुकड़े बहते हुए नदी के जल में प्रवाहित करना चाहिए।
9. शंखचूड़ कालसर्प दोष – शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष अगर किसी व्यक्ति को हो तो उसे की शांति के लिए नागपंचमी की में रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ के दाने रखना चाहिए और उसे बिना किसी को बताये अगले दिन पक्षियों को खिला देना चाहिए । और पांच मुखी, आठ मुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
10. घातक कालसर्प दोष – घातक कालसर्प अगर किसी व्यक्ति को होता है तो उसके निवारण के लिए वह व्यक्ति पीतल के बर्तन में ताजा गंगाजल भरकर अपने पूजन कक्ष के किसी स्थल पर रखना चाहिए । और उसे चार मुखी रुद्राक्ष, आठमुखी रुद्राक्ष और नौ मुखी रुद्राक्ष का धारण हरे रंग के धागे में करना चाहिए।
11. विषधर कालसर्प दोष – अगर किसी व्यक्ति को विषधर कालसर्प हो तो उसके निदान के लिए परिवार के जितने सदस्य है उतने की संख्या के बराबर नारियल को लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए नदी के जल में प्रवाहित करना चाहिए। और नागपंचमी पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर अपनी शक्ति अनुसार दान देना चाहिए।
12. शेषनाग कालसर्प दोष – शेषनाग कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति को नागपंचमी की पूर्व रात्रि में लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद रंग के फूल बांधकर सिरहाने रखना चाहिए और उसे अगले दिन बिना किसी को बताये सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। और नागपंचमी पर गरीबों को दूध और सफ़ेद रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए।
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नोट :- ऊपर दिए गए सारे उपाय अलग अलग स्त्रोत से लिए गए है आप इन उपायों को करने के पहले आपके ज्योतिषाचार्य से भी संपर्क कर लें।
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