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दोस्तों, हिन्दू धर्म या यु कहे सनातन धर्म के शास्र एवं पुराणों में कई ऐसे मंत्र मिलते है, जिससे लोग अपने जीवन में शांति एवं समृद्धि लाते है, यह सभी मंत्र किसी न किसी तरह मनुष्य और संसार के लिए उत्तम फलदायी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते है, एक ऐसा मंत्र भी है जिसे हमारे शास्र में महामंत्र कहा जाता है जो लम्बी उम्र, निरोगी काया अकाल मृत्यु से बचने का आशीर्वाद देता है, इस मंत्र को हम “महामृत्युंजय मंत्र” के नाम से जानते है।
संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र (Sampurn Mahamrityunjay Mantra Jaap)
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
आइये महामृत्युंजय मंत्र के हर शब्द का हिंदी अर्थ आपको बताते है।
Mahamrityunjay Aarth / mahamrityunjay mantra Meaning in Hindi
त्र्यंबकम् – तीन नेत्रोंवाले
यजामहे – जिनका हम हृदय से सम्मान करते हैं और पूजते हैं
सुगंधिम -जो एक मीठी सुगंध के समान हैं
पुष्टिः – फलने फूलनेवाली स्थिति
वर्धनम् – जो पालन-पोषण करते हैं, बढ़ने की शक्ति देते हैं
उर्वारुकम् – ककड़ी
इव – जैसे, इस तरह
बंधनात् – बंधनों से मुक्त करनेवाले
मृत्योः = मृत्यु से, मौत से
मुक्षीय = हमें मुक्त करें, मुक्ति दें
मा अमृतात् = अमरता, मोक्ष
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ –
हम भगवान शिवशंकर को पूजते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो इस समस्त संसार का पालन पोषण अपनी कृपादृष्टि से करते हैं। हमारी प्रार्थना है कि वह हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें। ऐसे ही जैसे एक ककड़ी इस बेल में पक कर उसके बंधनों से स्वतंत्र हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार रूपी बेल में पक जाएं और आपके चरणों का अमृत पान करते हुए देह को त्यागकर आप में लीन हो जाएं।
महामृत्युंजय मंत्र की विशेषता
हमारे शास्र में बताया गया है की इस प्रभावशाली मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाता है, चाहे कोई भी रोगी मरणासन्न की स्तिथि में क्यों ना हो उसे भगवान महाकाल शिव की अद्भुत कृपा से जीवनदान मिल जाता है। बीमार व्यक्ति के लिए, दुर्घटना को टालने के लिए, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों को रोकने के लिए, मृत्यु को टालने और लम्बी उम्र के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है।
महामृत्युंजय मंत्र की जाप संख्या
1- अगर किसी व्यक्ति को भय/डर से छुटाकारा पाना है तो उसे महामृत्युंजय मंत्र का 1100 बार जप करना चाहिए । इस मंत्र का जप करते समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए।
2- अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से पीड़ित है तथा उस रोगी को रोग से मुक्ति दिलाना चाहते है तो उसके लिए 11000 बार इस महामंत्र का जप करके गाय के शुध्द घी से 108 बार हवन करना चाहिए ।
3- पुत्र प्राप्ति, समृद्धि, अकाल मृत्यु और अन्य सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए सवा लाख की संख्या में महाम़ृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए।
महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है?
महामृत्युंजय मंत्र के जप की संख्या सवा लाख होती हैं। एक दिन में इतनी जप संख्या करना असंभव है। अतः हर दिन प्रति व्यक्ति एक हजार की संख्या में जप करता हैं तो 125 दिन में जप संख्या पूरी हो सकती है।
जरुरी हो तो 5 या 11 ब्राह्मणों से इस महामंत्र जप कराएं तो सवा लाख जप संख्या शीघ्र पूर्ण हो जाएगी। सामान्यतः इतनी जप संख्या कम से कम 45 और अधिकतम 84 दिनों में पूरी होनी चाहिए।
ध्यान रहे की जप संख्या समान अथवा बढ़ते हुए क्रम में ही होनी चाहिए। जप संख्या पूरी होने के बाद आपके द्वारा उसके लिए दशांश हवन करना चाहिए अर्थात 1,25,000 मंत्रों के जप के लिए 12,500 मंत्रों का हवन करना अनिवार्य होन चाहिए और अपनी यथाशक्ति और स्थिति अनुसार पांच ब्राह्मणों को भोजन कराना उत्तम माना गया हैं।
33 अक्षरों का मंत्र
इस महामंत्र में 32 शब्द हैं। ‘ॐ’ लगा देने से 33 शब्द हो जायेंगे। इसे ‘त्रयस्त्रिशाक्षरी’ या तैंतीस अक्षरी मंत्र कहा जाता हैं। महामुनि वशिष्ठजी ने इन 33 शब्दों के 33 देवता अर्थात् शक्तियां परिभाषित की हैं। इस मंत्र में आठ वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्य, कुछ विद्वान इन्द्र और प्रजापति की जगह 2 अश्विनी कुमारों (1.नासत्य और 2.द्स्त्र ) को रखते हैं।
Pradeep Mishra Sawan Ke Upay for Disease
महामृत्युंजय मंत्र प्रदीप मिश्रा उपाय
Pradeep Mishra ke mahamrityunjay Shivpuran Se Mahamrityunjay Mantra Upay
महामृत्युंजय शिवपुराण प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के मुखारविंद से भोपाल में हो रही हैं। महामृत्युंजय शिवपुराण में गुरूजी कुछ महामृत्युंजय मंत्र के उपाय बता सही है जिससे जीवन में कोई भी मुसीबत हो वो दूर हो जायगे।
प्रदीप मिश्रा महामृत्युंजय बेलपत्री उपाय
प्रदीप मिश्रा कहते हैं की यदि जीवन में कोई बड़ी परेशानी चल रही हो या कोई मनोकामना मन में हो और बहुत समय से कोशिश कर रहे हो लेकिन पूरी नहीं हो रही हो तो ऐसा में एक बेलपत्र ले कर बैठ जाये और 108 महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें फिर उसके बाद उस बेलपत्र को शिवजी पर समर्पित कर दीजिये और अपनी मनोकामना शिवजी से कहीए कुछ ही दिनों में आपकी मनोकामना पूरी हो जायगी।
प्रदीप मिश्रा महामृत्युंजय समी पत्र उपाय
प्रदीप मिश्रा कहते हैं की यदि जीवन में कोई बड़ी परेशानी चल रही हो, जीवन संकट में हो या कोई मनोकामना मन में हो और बहुत समय से कोशिश कर रहे हो लेकिन पूरी नहीं हो रही हो तो ऐसा में एक समीपत्र ले कर नंदी जी के पास बैठ जाये और 108 महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें फिर उसके बाद उस बेलपत्र को शिवजी पर समर्पित कर दीजिये और अपनी मनोकामना शिवजी से कहीए कुछ ही दिनों में आपकी मनोकामना पूरी हो जायगी।
नोट :- महामृत्युंजय मंत्र के चमत्कार का फायदे पूरी तरह से आपकी भक्ति, विश्वास और पवित्रता पर निर्भर है। महामृत्युंजय मंत्र के जप सावधानी पूर्वक करना चाहिए वरना इसके कुछ गंभीर परिणाम भी हो सकते है। उक्त दी गयी जानकारी सक्षिप्त में है। जाप की विधि आपको किसी ब्राम्हण या पुरोहित से संपर्क कर करना चाहिए।
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