Karwa Chauth 2025 Date: कब है करवा चौथ? बन रहा है बेहद शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय

By | 18 December 2024
Karwa Chauth Date time and muhurat

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Karwa Chauth 2025 Date & Timings: करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन शादीशुदा महिलाएं, या जिनकी सगाई हो गयी हो वो अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। यहाँ तक की जो कन्याएं अच्छे वर की चाह हो वो भी करवाचौथ का व्रत रखती हैं।

करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है और “करक” मिट्टी के पात्र को कहा जाता है जिससे महिलाएं इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्त्व होता हैं। चतुर्थी के दिन चाँद को देखना बहुत शुभ माना जाता हैं।

करवा चौथ का दिन भगवान गणेश के लिए उपवास करने का दिन होता है, करवा चौथ के दिन पत्नियां अपने पति की लंबी आयु, सदा सुहागन रहने के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत सभी महिलाओं और पुरुषों के लिए बहुत ख़ास होता हैं कियुकी इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और चांद को देखने के बाद उसकी पूजा करती हैं तथा अपने पति का भी चेहरा चन्नी से देख आरती करती हैं और अपने पति के हाथो से व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत को सुहागनों का त्यौहार भी कहा जा सकता हैं।

करवा चौथ के दिन पूजन व कथा सुनंने का विशेष महत्त्व होता हैं। इसीलिए इस आर्टिकल में पूजन का मुहूर्त, कथा था चाँद निकालने का समय लाये हैं। आइए जानते हैं करवा चौथ का मुहूर्त और शुभ योग

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Table of Contents

Karwa Chauth 2025 Kab hai: 10 अक्‍टूबर कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर गुरुवार रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी तथा 10 अक्टूम्बर शाम 07 बजकर 38 मिनट को समाप्त हो जायगी। उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ्र का व्रत 10 अक्टुम्बर शुक्रवार को रखा जाएगा। करवा चौथ की पूजा शाम 05 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक की जा सकती है। 10 अक्टुम्बर को ही करवा चौथ का व्रत रखा जायगा और इसी दिन पूजा अर्चना की जायगी।

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय और पूजा मुहूर्त (Karwa Chauth 2025 Puja Shubh Muhurat)

करवा चौथ शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को

करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 05 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक

अवधि – 01 घण्टा 14 मिनट्स

करवा चौथ व्रत समय – सुबह 06 बजकर 19 मिनट से शाम 08 बजकर 13 मिनट तक

करवा चौथ व्रत अवधि :- 13 घण्टे 54 मिनट्स

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 08:13 PM

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 9 अक्टूबर गुरुवार रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू

चतुर्थी तिथि समाप्त – 10 अक्टूम्बर शाम 07 बजकर 38 मिनट पर खत्म

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करवा चौथ पूजन सामग्री (Karwa Chauth Pujan Samagri)


छलनी

करवा माता की तस्वीर

दीपक

अगरबत्ती

कपूर

गेहूं

बाती (रूई)

लकड़ी का आसन

दक्षिणा के पैसे

हलुआ

आठ पूरियों की अठावरी

श्रृंगार का सामान

मेहंदी, महावर

सिंदूर

कंघा

बिंदी

चुनरी

चूड़ी

छलनी, बिछुआ

फूल

हल्दी

चावल

मिठाई

कच्चा दूध

दही

देसी घी

शहद

शक्कर का बूरा

रोली

कुमकुम

मौली

अक्षत

पान

व्रत कथा की पुस्तक

मिट्‌टी या तांबे का टोटवाला करवा और ढक्कन

कलश, चंदन.

करवा चौथ की पूजन विधि (Karwa Chauth 2025 Pujan Vidhi)

  1. करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
  2. सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  3. यह व्रत सूर्य अस्त होने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और बीच में जल भी नहीं पीना चाहिए।
  4. संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। इसमें 10 से 13 करवे (करवा चौथ के लिए ख़ास मिट्टी के कलश) रखें।
  5. चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू की जानी चाहिए। अच्छा हो कि परिवार की सभी महिलाएं साथ पूजा करें।
  6. पूजा के दौरान करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएं।
  7. चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और साथ ही दर्शन के समय अर्घ्य के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।
  8. चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनका आशीर्वाद लें।

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करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)

करवा चौथ के व्रत में व्रत कथा का सुनना बहुत आवश्यक होता है चलिए पड़ते हैं करवाचौथ की कथा।

बहुत समय पहले इन्द्रप्रस्थपुर के एक शहर में वेदशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था. वेदशर्मा का विवाह लीलावती से हुआ था जिससे उसके सात महान पुत्र और वीरावती नाम की एक गुणवान पुत्री थी. क्योंकि सात भाईयों की वह केवल एक अकेली बहन थी जिसके कारण वह अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने भाईयों की भी लाड़ली थी.


जब वह विवाह के लायक हो गयी तब उसकी शादी एक उचित ब्राह्मण युवक से हुई. शादी के बाद वीरावती जब अपने माता-पिता के यहाँ थी तब उसने अपनी भाभियों के साथ पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा. करवा चौथ के व्रत के दौरान वीरावती को भूख सहन नहीं हुई और कमजोरी के कारण वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गई.


सभी भाईयों से उनकी प्यारी बहन की दयनीय स्थिति सहन नहीं हो पा रही थी. वे जानते थे वीरावती जो कि एक पतिव्रता नारी है चन्द्रमा के दर्शन किये बिना भोजन ग्रहण नहीं करेगी चाहे उसके प्राण ही क्यों ना निकल जायें. सभी भाईयों ने मिलकर एक योजना बनाई जिससे उनकी बहन भोजन ग्रहण कर ले. उनमें से एक भाई कुछ दूर वट के वृक्ष पर हाथ में छलनी और दीपक लेकर चढ़ गया. जब वीरावती बेहोशी से जागी तो उसके बाकी सभी भाईयों ने उससे कहा कि चन्द्रोदय हो गया है और उसे छत पर चन्द्रमा के दर्शन कराने ले आये.


वीरावती ने कुछ दूर वट के वृक्ष पर छलनी के पीछे दीपक को देख विश्वास कर लिया कि चन्द्रमा वृक्ष के पीछे निकल आया है. अपनी भूख से व्याकुल वीरावती ने शीघ्र ही दीपक को चन्द्रमा समझ अर्घ अर्पण कर अपने व्रत को तोड़ा. वीरावती ने जब भोजन करना प्रारम्भ किया तो उसे अशुभ संकेत मिलने लगे. पहले कौर में उसे बाल मिला, दुसरें में उसे छींक आई और तीसरे कौर में उसे अपने ससुराल वालों से निमंत्रण मिला. पहली बार अपने ससुराल पहुंचने के बाद उसने अपने पति के मृत शरीर को पाया.
अपने पति के मृत शरीर को देखकर वीरावती रोने लगी और करवा चौथ के व्रत के दौरान अपनी किसी भूल के लिए खुद को दोषी ठहराने लगी. वह विलाप करने लगी. उसका विलाप सुनकर देवी इन्द्राणी जो कि इन्द्र देवता की पत्नी है, वीरावती को सान्त्वना देने के लिए पहुँची.


वीरावती ने देवी इन्द्राणी से पूछा कि करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मृत्यु क्यों हुई और अपने पति को जीवित करने की वह देवी इन्द्राणी से विनती करने लगी. वीरावती का दुःख देखकर देवी इन्द्राणी ने उससे कहा कि उसने चन्द्रमा को अर्घ अर्पण किये बिना ही व्रत को तोड़ा था जिसके कारण उसके पति की असामयिक मृत्यु हो गई. देवी इन्द्राणी ने वीरावती को करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे साल में हर माह की चौथ को व्रत करने की सलाह दी और उसे आश्वासित किया कि ऐसा करने से उसका पति जीवित लौट आएगा.

Karwa Chauth 2025 FAQ

Karwa Chauth 2025: क्या कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं करवा चौथ का व्रत?

हाँ , जो लड़कियाँ अच्छे वर की चाह रखती है वे लड़कियाँ भी करवाचौथ का व्रत रखती हैं। कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत रख सकती हैं। ज्योतिष जनकारों के अनुसार अविवाहित लड़कियां अपने मंगेतर या प्रेमी जिसे वो अपना जीवन साथी मान चुकी हों, उनके लिए करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। मान्यता है कि इससे उन्हें करवा माता का आशीष प्राप्त होता है

Karwa Chauth Chand Pujan: करवा चौथ व्रत में चांद की पूजा कैसे की जाती है?

करवा चौथ व्रत में चांद निकलने से पहले सोलह श्रृंगार करके तैयार हो जाएं। जब चांद निकल जा तो जल में शक्कर, दूध और अक्षत लेकर उन्हें अर्घ्य दें। फिर पति की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना करते हुए छलनी से चंद्र दर्शन करें और इसके बाद पति को छलनी से देखें।

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर दूध में पानी मिलाकर ही क्यों चंद्रमा को दिया जाता है अर्घ्य ?

करवाचौथ के दिन चंद्रमा को दिया जाने वाला अर्घ्य जमीन पर गिरता है ऐसे में सिर्फ दूध चढ़ाने से चंद्रमा कमजोर होता है और अशुभ परिणाम दर्शाता है। इसलिए चंद्र को अर्घ्य दूध और पानी मिलाकर देना उचित है।

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर इस साल चाँद कब निकलेगा ?

Karwa Chauth 2025 में शाम को 8 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा।

करवा चौथ पर पीरियड्स आ जाए तो पूजा और व्रत करना चाहिए या नहीं ?

करवा चौथ पर यदि पीरियड्स आ जाये तो व्रत करना चाहिए कथा भी दूर से सुन लेना चाहिए लेकिन पूजन नहीं किया जा सकता।

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर महिलाएं 2 करवों का इस्तेमाल क्यों करती हैं

करवाचौथ पर 2 करवों का इस्तेमाल किया जाता हैं जिसमे एक करवा माता को समर्पित होता हैं
और दूसरा किसी भी सुहागन महिला को दिया जाता है। जिससे आपका सौभाग्य अखंड बना रहता हैं।


gyanaxis.com :- हम जानते है की करवाचौथ का व्रत का महत्त्व और यह आपके जीवन पर कितना असर डालता हैं इसीलिए हम लाए यह आर्टिकल उम्मीद करते हैं। आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको और किसी टॉपिक के लिए आर्टिकल चाहिए प्लीज हमें बताये कमेंट में , हम हर कमेंट का रिप्लाई देने की कोशिश करते हैं।

धन्यवाद्

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